मूल रूप से केरल सरकार द्वारा चिकित्सा विशेषज्ञताओं के एक उन्नत केंद्र के रूप में स्थापित, श्री चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एससीटीआईएमएसटी) को संसद के एक अधिनियम (1980 का अधिनियम 52) द्वारा 1980 में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक विश्वविद्यालय का दर्जा देकर राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में रूपांतरित किया गया।Act 52 of 1980चिकित्सा और प्रौद्योगिकी की संयुक्त संस्कृति, जिसकी शुरुआत संस्थान ने तीन दशक से भी अधिक समय पहले की थी, अब परिपक्व हो चुकी है और भारत में इसे अभूतपूर्व स्वीकृति मिल चुकी है। कम प्रचलित क्षेत्रों में उद्यम करने की प्रवृत्ति से प्रेरित, संस्थान उच्च गुणवत्ता वाले रोगी देखभाल, औद्योगिक महत्व के प्रौद्योगिकी विकास और सामाजिक प्रासंगिकता के स्वास्थ्य अनुसंधान अध्ययनों पर ध्यान केंद्रित करता है। देश में अन्यत्र कम उपलब्ध सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है, जैसे कि इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी, कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, मिर्गी के लिए शल्य चिकित्सा-पूर्व मूल्यांकन और सर्जरी, गति विकारों के लिए माइक्रोसर्जरी और डीप ब्रेन स्टिमुलेशन, नए बायोमेडिकल उपकरण और उत्पाद, वैश्विक विनिर्देशों के अनुसार चिकित्सा उपकरणों का मूल्यांकन, नए शैक्षणिक कार्यक्रम और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य नेटवर्क।
संस्था में तीन स्कंध हैं: असपताल, जैवचिकित्सीय प्रौद्योगिकी स्कंध और अच्युत मेनोन स्वास्थ्य विज्ञान अध्ययन केंद्र । यह तीनों केन्द्रों में उच्चतम अनुसंधान एवं अध्यापन सुविधाएँ उपलब्ध है । कॉर्डियॉवासकुलार एवं न्यूरॉलॉजिकल रोग पर जोर देने के साथ साथ ईस अद्विदीय संस्था में उच्च गुणता के जैवचिकित्सा अनुसंधान एवं स्वास्थ प्रौद्योगिकी का विकास के लिए कर्मनिष्ठ वैज्ञानिक, इंजिनीर, क्लिनीशनस आदी के समर्पित टीम है ।
अस्पताल में 253 बिस्तर उपलब्द हैं और असपताल हृदय- वाहिनी, वक्ष तथा तंत्रिका-विज्ञान रोगों के लिए तृतीय रेफरल केंद्र के रूप में सेवा करती है । अस्पताल के विभिन्न विभागों में डॉक्टर, नर्स तथा अन्य पैरा मेडिकल कर्मचारी जैसे कई उच्च योग्य कार्मिकों के साथ-साथ उपचार हेतु अत्यधिक उन्नत और अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध है।
सेट्टिलमॉण्ड पॉलस, पुजप्पुरा, त्रिवेंद्रम में स्थित जैवचिकित्सीय प्रौद्योगिकी स्कंध में चिकित्सा उपकरण विकास, अनुसंधान एवं शिक्षण के लिए सांस्कृतिक विविधतावाली तथा बहुवादी टीम है । स्कंध की गतिविधियों के व्यापक क्षेत्रों में चिकित्सा उपकरण, जैवसामग्री, जैवसुसंगति, ऊतक अभियांत्रिकी, उत्पाद उद्भवन एवं वाणिज्यीकरण शामिल हैं ।
अच्युत मेनोन स्वास्थ्य विज्ञान अध्ययन केंद्र को सार्वजनिक स्वास्थ्य के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है । यह केंद्र गैर-संचारी रोगों, लिंग एवं स्वास्थ्य, स्वास्थ्य नीति एवं प्रबंधन आदी क्षेत्रों के अनुसंधान पर केंद्रित है । ए.एम.सी.एच.एस.एस सार्वजनिक स्वास्थ्य में स्नातकोत्तर उपाधि(MPH), डिप्लॉमा (DPH), पीएचडी और सार्वजनिक स्वास्थ्य में षोर्ट कोर्स प्रदान करती है ।